What is Mahua flower sanitizer

Mahua Flower Sanitizer जशपुर के युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने बनाया महुआ से हर्बल सेनिटाइजर, स्वसहायता समूह की महिलाएं सिखेंगी निर्माण पद्धति 

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से जल में हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझते हुए प्रशासन का सहयोग कर रहा है। ऐसे में जशपुर के एक युवा साइंटिस्ट ने जिले में सैनिटाइजर की कमी को देखते हुए महुआ से सैनिटाइजर बनाया है। 

What is Mahua flower sanitizer
What is Mahua flower sanitizer 

युवा साइंटिस्ट इस सैनिटाइजर को जिला प्रशासन एवं महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जिले में मुफ्त वितरण भी कर रहा है। जिले के युवा साइंटिस्ट समर्थ जैन बेल्जियम में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ कर जशपुर में लगातार समाज हित में काम कर रहे हैं। 

जिले के किसानों के हित में आए दिन वे नये नए आविष्कार करने में जुटे रहते हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते जब जशपुर जिले में सैनिटाइजर की कमी समर्थ को महसूस हुई तो उन्होंने सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू किया। जशपुर जिले में महुआ बहुतायत मात्रा में उपलब्ध हो जाती है। ऐसे में समर्थ ने जिले के कलेक्टर से इस संबंध में अनुमति ली और प्रशासन का साथ मिलने के बाद समर्थ महुआ सैनिटाइजर बनाने में भिड़ गए। 

किन-किन चीजों से मिलकर बनता है  mahua flower sanitizer महुआ सैनिटाइजर:

महुआ से एल्कोहल बनाकर धनियां, नीम, तुलसी ,अजवायन ,जीरा ,लेमनग्रास ,यूकेलिप्टिस और करंज के इस्तेमाल से सैनिटाइजर बनाकर तैयार कर लिया गया। 

दो प्रकार के mahua flower sanitizerसैनिटाइजर का किया जा रहा है  उत्पादन

एक सैनिटाइजर। मेडिकल फील्ड के लोगों के लिए बनाई गई है मेडिकल फील्ड में संक्रमण के ज्यादा खतरे को देखते हुए इस सैनिटाइजर में 80 प्रतिशत से अधिक एल्कोहल का इस्तमाल किया गया है। वहीं दूसरा आम लोगों के लिए बनाये गए सैनिटाइजर में 60 प्रतिशत एल्कोहल का इस्तेमाल किया जा रहा है। फिलहाल समर्थ के द्वारा 15 लीटर सैनिटाइजर प्रतिदिन बनाया जा रहा है।

कैसे आया महुआ से सैनिटाइजर बनाने का आईडिया

जब ट्रांसपोर्ट ऑफिस बंद थे तो जशपुर में सैनिटाइजर  की भारी कमी हुई थी और चूंकि पेट्रोल पंप भी पिता जी संचालित करते हैं तो हम लोगों को खुद को उपयोग के लिए भी नहीं मिल पा रहा था और उसके बाद लगातार खबर आ रहे थे कि प्रशासनिक अमले के की उपलब्धता नहीं है ।

 इसी दौरान विचार करते हुए ये लगा कि क्यूंकि हमारे गांव में बहुतायत में महुआ से लोग शराब बनाते हैं और सैनिटाइजर में अल्कोहल का परसेंटेज 60 के ऊपर होना चाहिए तो वही से विचार आया की क्यों न इसको इस्तेमाल करके हम सैनिटाइजर बनाने के प्रयास करें। 


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तो इसी विषय पर फिर हमने कलेक्टर साहब से और SDO अफसर से भी चर्चा की तो दोनों की सहमति के बाद हमने इस पर अपना टेस्टिंग चालू किया और सबसे खास बात इसमें ये है कि इसमें बॉटलों को छोड़ के कोई भी उत्पाद बाहर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता मगर लोकल तो कभी भी अगर आवश्यकता पड़ी तो हम इसको जितना चाहे उतना निर्माण कर सकते और खाली जशपुर में इतनी उत्पादन करने की क्षमता है कि कम से कम पांच राज्यों को हम ये यहां से भेज सकते हैं।

महिला स्वयंसहायता समूह को मिलेगा रोजगार 

महुआ से बनाये गए सैनिटाइजर को महिला स्वयंसहायता समूह और जिला प्रशासन के माध्यम से जिले भर में वितरण किया जाएगा। पहले चरण में पुलिसकर्मियों को इस का वितरण किया गया है और अब स्वास्थ्य कर्मियों सहित जरूरी सेवाओं में लगे लोगों को इसका वितरण किया जा रहा है। जशपुर जिले के कलेक्टर निलेश संसाधन ने समर्थ के प्रयास की सराहना की है। कलेक्टर ने कहा कि जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस टेक्नॉलाजी को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सिखाकर समर्थ महिलाओं को सेनिटाइजर निर्माण जोड़ने की योजना बनाई जाएगी।

केमिकल के बिना बना महुआ सैनिटाइजर mahua flower sanitizer

इस को बनाने में बाहरी किसी भी चीज का इस्तमाल नहीं किया गया है। समर्थ का दावा है कि का निर्माण शुरू होने के बाद पांच से छह राज्यों में इसकी सप्लाई की जा सकती है। अब युवा साइंटिस्ट के हर्बल सैनिटाइजर के आविष्कार के बाद जिले से सैनिटाइजर की कमी खत्म होती दिखाई दे रही है।

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