नमस्कार दोस्तों ! आप सबका स्वागत है। दोस्तों ,आप सब को पता ही होगा 8 मार्च दुनिया भर की महिलाओं के लिए खास दिन होता है । यह दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए हुए आंदोलन का प्रतीक है। 8 मार्च प्रसिद्ध है राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के रूप में। महिलाओं के विकास ,उत्थान और उनके अधिकारों की चर्चा की जाती है तथा उनको सम्मानित किया जाता है ।अधिकारों को बढ़ावा देने का दिन है 8 मार्च । सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को यूनाइटेड स्टेट्स में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। 1910 में क्लारा जेडकिंट ने इसे पूरी दुनिया में मनाने का विचार रखा। 19 मार्च 1911 को कुछ देशों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया । बाद में 1913 में 8 मार्च को मनाने के लिए तय किया गया। 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया ।
इस दिन महिलाओं को उनके कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शनके लिए सम्मानित किया जाता है।
Top 10 Most Popular Women on the chhattisgarh
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आज मैं आपको छत्तीसगढ़ की ऐसी ही टॉप 10 महिलाओं से मिलवाने जा रही हूॅ। ये अपने कार्य, लगन , मेहनत से ना सिर्फ उच्च स्थान हासिल किए हैं बल्कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से अपनी गरिमा को भी बढ़ाया है और सम्मानित भी हुई है।
1 साहित्य के क्षेत्र से
डॉ निरुपमा शर्मा छत्तीसगढ़ की पहली साहित्यकार हैं इनका जन्म 1944 को हुआ। इन्हें सोना बाई के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म स्थान कवर्धा छग में है । इनकी रचना पतरेंगी के लिए इन्हें प्रथम कवियत्री कहा गया ।इनकी और अन्य रचनाओं में रितु बरनन, दाई खेलन दे, इंद्रधनुषी छत्तीसगढ़ के अलावा हिंदी रचनाओं में बूंदों की सागर, छत्तीसगढ़ की महिला साहित्यकार, छत्तीसगढ़ का ददरिया इत्यादि शामिल है।
2 खेल जगत से
खेल जगत से अपना परचम लहराने वाली सबा अंजुम छत्तीसगढ़ की हॉकी प्लेयर हैं । इन का जन्म 12 जून 1985 को दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ। यह छत्तीसगढ़ की जानी-मानी हॉकी प्लेयर है । इनको हॉकी खेलने के लिए गजब का जुनून था और उसकी वजह यह थी कि अपने आसपास के क्षेत्र के लड़कों को हॉकी खेलते हुए देखते थीं। इन्होंने भी ठाना कि यह भी हॉकी खेलेंगी। इनके इस जुनून की वजह से इन्हें जीत भी मिली । इन्हें हॉकी के लिए छत्तीसगढ़ के गुंडाधुर खेल रत्न पुरस्कार ,अर्जुन अवार्ड 2013 ,पद्मश्री 2015 से नवाजा जा चुका है 2002 में मैनचेस्टर में हुए कॉमनवेल्थ गेम की सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी रही । वर्तमान में यह डेप्युटी सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस के पद पर रहकर सेवा दे रहीं हैं।
3 समाज कल्याण के क्षेत्र
छत्तीसगढ़ के फूलबासन यादव जानी-मानी हस्तियों में से एक हैं। फूलबासन यादव सामाजिक कार्यकर्ता हैं यह “मां बमलेश्वरी जनहित कार्य समिति” की फाउंडर हैं । ये आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं के विकास के लिए सदा प्रयासरत रहती हैं । इन का जन्म 5 दिसंबर 1969 को राजनांदगांव के छोटे से गांव सुकुलदईहान में हुआ था। इन्हें 2012 में भारत सरकार की तरफ से हाईएस्ट इंडियन सिविलियन अवार्ड, जी टीवी अस्तित्व अवार्ड से सम्मानित किया गया है, साथ ही मिनीमाता अलंकरण अवार्ड, जमनालाल बजाज अवार्ड, कन्नागी स्त्री शक्ति अवार्ड सद्गुरु गजानन अवार्ड, गॉडफ्रे फिलिप्स नेशनल अवार्ड महावीर फाउंडेशन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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4 व्यावसायिक क्षेत्र से
आइए मैं आपका परिचय कराती हूं अब छत्तीसगढ़ की नई एंटरप्रेन्योर तूलिका पांडे से। तूलिका पांडे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाली हैं। यह रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से गणित विषय से बीएससी की डिग्री और इंग्लिश लिटरेचर से एम फिल की है। वर्तमान में तूलिका भारत एग्रो के डायरेक्टर हैं। तूलिका एग्रीकल्चर मशीनरी की मैन्युफैक्चरर और डीलर हैं। और छोटे किसानों को लो कॉस्ट में एग्रीकल्चर मशीन उपलब्ध कराती हैं।
5 ब्युटी एंड फैशन के क्षेत्र से
आइए मैं आपको मिलवाती हूं इंटरनेट सेंसेशन से। मैं बात कर रही हूं इंडियन रेहाना यानी रिनी कुजुर से। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा तहसील के बि
पिराई गांव में 31 जनवरी 1985 को रीनी कुजुर का जन्म हुआ। यह अपने लुक और स्टाइल के कारण इंडियन रिहाना के नाम से मशहूर हैं। पहली बार जब इन्होंने स्कूल के फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में भाग लिया था तो उनके दोस्तों ने इन्हें ब्लैक – फेयरी कहा था । स्किन कलर डार्क होने की वजह से इन्हें कई मुश्किलों ,तानों, अपमानों का सामना करना पड़ा लेकिन अपने जुनून के कारण रीनी हर मुश्किल को पार किया और अब मॉडलिंग क्षेत्र में रिनी एक जाना पहचाना चेहरा है इनका वास्तविक नाम रेनू है पर मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्होंने अपना नाम रीनी कर लिया।
6 कला और मनोरंजन के क्षेत्र से
भला तीजन बाई से कौन परिचित नहीं है । तीजन बाई प्रसिद्ध कापालिक शैली की पंडवानी गायिका है। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश-विदेश में अपनी कला का परचम लहरा चुकी तीजन बाई का जन्म 24 अप्रैल 1956 को जिला दुर्ग के गनियारी ग्राम में हुआ था ।अपने नाना श्री बृजलाल के सानिध्य में पंडवानी की शिक्षा ली। 13 वर्ष की कम उम्र में उन्होंने अपना पहला मंच प्रदर्शन किया था। बिलासपुर विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट् की मानद उपाधि 1988 में पद्मश्री,2003में पद्म भूषण से इन्हें सम्मानित किया गया। 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार , 2007 में नृत्य शिरोमणि से सम्मानित हो चुकी हैं उनकी लगन को देखकर उमेद सिंह देशमुख ने उन्हें प्रशिक्षित भी किया था।
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इसी क्षेत्र से अगला नाम है मुस्कान साहू का। छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध अदाकारा और नेचुरल ब्युटी कहलाने वाली मुस्कान साहू छत्तीसगढ़ की सर्वश्रेष्ठ अदाकारा हैं। अपनी अदाकारी के दम पर दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बना पाईं हैं । अपनी अदाकारी के दम पर ही उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब अपने नाम भी किया है।
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कला और मनोरंजन के क्षेत्र से ही मैं आपको एक और चेहरे से रूबरू करवाने जा रही हूं – ममता चंद्राकर जी से। ममता चंद्राकर को स्वर कोकिला की उपाधि से नवाजा गया है। ममता चंद्राकर का जन्म 3 दिसंबर 1958 को हुआ।इन्हें इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ द्वारा डी लिट की उपाधि , भारत सरकार द्वारा 2016 में पद्मश्री, 2013 में छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया है , इसके अलावा इन्हें कई अन्य पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है । ममताचंद्राकर जी 36 वर्षों तक आकाशवाणी रायपुर में कार्यक्रम प्रमुख के रूप में सेवाएं देती रहीं। वर्तमान में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में कार्यरत है।
9 राजनीतिक क्षेत्र से
राजनीतिक क्षेत्र से सरोज पांडे बीजेपी की जानी-मानी नेत्री हैं। अपनी कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ बुद्धि की वजह से यह अपना लोहा मनवा चुकी हैं । इन का जन्म 22 जून 1968 को हुआ वर्तमान में यह भाजपा महिला मोर्चा के अध्यक्ष हैं। वैशाली नगर भिलाई दुर्ग से विधायक रह चुकी हैं 23 मार्च 2018 को लेख राम साहू को हराकर राज्यसभा की सीट अपने नाम की।
10 शैक्षणिक क्षेत्र से
मैं आपको अब मिलवाने जा रहे हूं शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम लहराने वाली साइंटिस्ट डॉ स्वर्ण लता सराफ से ।डॉ स्वर्ण लता सराफ पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से एफिलिएट यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। इस पोस्ट पर डॉ सराफ पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं 1989 में राजस्थान, 1995 में मध्य प्रदेश में लेक्चरर के पद पर रहीं। 2002 में मंदसौर (एमपी) में रीडर के पद पर रहीं। 2010 से पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में रीडर के पद पर कार्यरत रहीं। इसके अलावा डॉ सराफ कई अलग-अलग फार्मास्यूटिकल इंस्टिट्यूट की मेंबर भी हैं। जूनियर रिसर्च फैलोशिप ऑफ यूजीसी, सीनियर रिसर्च फैलोशिप ऑफ सीएसआईआर, मेरिट अवार्ड , बृहद भारतीय समाज मुंबई, नेशनल अवॉर्ड बेस्ट रिसर्च पेपर ऑफ ए पी टी आई 2007 से सम्मानित किया जा चुका है इसके अलावा डॉ सराफ कई नेशनल ऑनर से सम्मानित हैं ।इनका रिसर्च एरिया फार्मास्यूटिक्स, हर्बल फॉर्मूलेशन डेवलपमेंट, नोबेल ड्रग डिलीवरी सिस्टम, कॉस्मेटिक टेक्नोलॉजी हर्बल कॉस्मेटिक इत्यादि है इसके अतिरिक्त डॉ स्वर्ण लता कई नेशनल इंटरनेशनल सिंपोसिया में शामिल हो चुकी हैं।
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