Hasdeo Story in Hindi | Save Hasdeo Arand |Hasdeo Arand 2022 |Hasdeo Bachavav 2022
हसदेव अरण्य🌳🌳🌿के बारे में पूरा जानकारी आगे जानते हैं तो चलिए दोस्तों हम आगे पेज में देखते हैं और उनकी पूरी जानकर ——————👇
![]() |
Hasdeo Story In Hindi |
हसदेव की कोरी लंबाई लगभग 333km(किलो) और प्रवाह क्षेत्र को देखे तो7,210 वर्ग किलोमीटर है।
देश — भारत
राज्य — छत्तीसगढ़
जिले — कोरिया, कोरबा ,जांजगीर चांपा
नगर — मनेन्द्रगद, कोरबा चांपा।
छत्तीसगढ़ के अभयारण्य बचाने जारी है आदिवासियों का धरना कभी सरकार से तो कभी भगवान से कर रहे हैं विनती हमारे जंगल बच जाए —————
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सरकार ने परसा कोल ब्लॉक में खनन को मंजूरी दे दी, इसके साथ ही और हसदेव अरण्य के आदिवासियों के अपने गांव और जंगलों और देवो स्थानों को बचाने के लिए संघर्ष बढ़ गया है।
सरगुजा की परसा खदान से प्रभावित होने वाले हरिहरपुर गांव में बीते 56 दिनों में आदिवासियों का धरना जारी हैं।
आदिवासी कभी सरकार से गुहार लगाते हैं,तो कभी भगवान से बस यही आस लगाए हैं,कि उनके पेड🌱 जंगल🌳 बच जाए।
ग्रामीणं के लोगों का विरोध जारी ✊✊—————👇👇 सरगुजा के परसा कोयला खदान से प्रभावित ग्रामीणों का कहना था, छत्तीसगढ़ सरकार ने कोयला खनन प्रयोजना को फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर आगे बढ़ाया हैं।
करीब लगभग 20 लाख पेड़ों को काटने का काम शुरू ——————
हसदेव अरण्य ने क्षेत्र में ग्रामीण के विरोध के बावजूद वन विभाग ने करीब 200000 पेड़ काटने का काम शुरू कर दिया है इन पेड़ों को काटने के बचाने के लिए आदिवासी ग्रामीण खुलकर विरोध में आ गए हैं।
अपना घर द्वार सब छोड़ –छाड़ के पूरी रात भर ग्रामीण जंगलों में बीतकर पेड़ों की रखवाली कर रहे हैं।कुछ मिली जानकारी के मुताबिक हम बता दें कि ग्रामीणों की मौजूदगी में पेड़ काटने आए वन कर्मियों को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने अब तक विभिन्न घटना प्रदर्शन, ज्ञापन, पदयात्रा के जरिए सरकार तक अपनी बातें पहुंचाने की कोशिश की हैं, लेकिन बात अनसुनी किए जाने के बाद अब वहां देवताओं को भी मना रहे हैं।
सोमवार को ग्रामीणों ने आदिवासियों के मूल देवता महादेव की पूजा अर्चना करने की साथ जंगल बचाने की अपील करते हुए नारेबाजी लगा रहे हैं।
हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक में खनन शुरू किए जाने के खिलाफ 2 मार्च से ग्राम हरिहरपुर जिला सरगुजा में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी किए हैं। 6 अप्रैल को छत्तीसगढ़ सरकार ने इस खनन परियोजना हेतु स्वीकृत की थी, परंतु प्रभावित गांव साल्ही, हरिहरपुर और फतेहपुर गांव की ग्राम सभाओं की फर्जी प्रस्ताव की कोई भी विधिवत जांच नहीं हुई हैं।
हसदेव अरण्य मे पेड़ को बचाने के लिए राकेश टिकट के साथ-साथ और अन्य लोग भी इस समर्थन में साथ दे रहे हैं ✊✊✊✊👇👇👇✌✌✌✌
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सरकार की तरफ से परसा कोल ब्लॉक में खनन को मंजूरी देने के बाद इस इलाके में करीब साडे चार लाख पेड़ 🌳🌳काट 🌀🌀दिए जाएंगे अपने जंगल को बचाने खनन के खिलाफ लामबंद हसदेव अरण्या के आदिवासियों को पूरी दुनिया से समर्थन मिलने लगा।
सरगुजा की परसा खदान से प्रभावित होने वाले हरिहरपुर गांव में कई महीनों से आदिवासियों का धरना जारी हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से लेकर दुनिया भर की कई देशों के नागरिक हंस देवरिया में काटते कटने जा रहे हैं, लाखों पेड़ों को बचाने के लिए आगे ✊✊✊आ गए हैं।
हमारे भाजपा के खिलाफ मुखर रहने वाले किसान नेता राकेश टिकैत👦 इन दिनों छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों का खुलकर विरोध कर रहे हैं।हाल में नया रायपुर की किसान आंदोलन का समर्थन कर चुके राकेश टिकैत ने अब छत्तीसगढ़ में पेड़ों की कटाई के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है।
हसदेव अरण्य में कोयला खनन के लिए होने वाली पेड़ों की कटाई का विरोध करते हुए उन्होंने ट्वीट किया है कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में लगभग साडे चार लाख पेड़ काटे जा रहे हैं।
ग्रामीण का विरोध जारी————👉👉👇👇
छत्तीसगढ़ सरकार ने 6 अप्रैल को परसा कोल ब्लॉक में खनन योजना के लिए स्वीकृत जारी की थी पर ऐसा खड़ा राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन के नियम को आवंटित की गई हैं।
सरकार की तरफ से खनन को हरी झंडी दिए जाने के बाद भी आदिवासियों का संघर्ष अभी जारी है ।खदान से प्रभावित गांव साले हुई हरिहरपुर और फतेहपुर के ग्रामीण का विरोध जारी रखे हुए हैं ,पेड़ों को काटने का काम शुरू हसदेव अरंड क्षेत्र में ग्रामीणों के विरोध के बावजूद वन विभाग ने करीब 20 लाख से भी ज्यादा काटने का काम शुरू कर दिया है इन पेड़ों को बचाने के लिए आदिवासी ग्रामीण खुलकर ग्रामीण जंगलों में इसका रखवाली कर रहे हैं।
हसदेव अरण्य 🌳————
यह महानदी के प्रमुख सहायक नदी है तथा कोरबा की कोयला क्षेत्र में तथा चंपा मैदान के प्रवाहित होने वाले प्रमुख नदी हैं।
यह नदी कोरिया जिले में बहती हुई वहां नदी में मिल जाती है हसदेव का अधिकार सभा क्षेत्र उबड़ खाबड़ हैं।
हसदेव अरण्य को काटने का मेन मुद्दा ————
राजस्थान सरकार को मिली है खनन की मंजुरी
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपनी पार्टी की राजस्थान सरकार को खदान की अंतिम मंजूरी दिलाने के लिए बेहद समय से दबाव था राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले माह रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ चर्चा किए राजस्थान का कहना है कि खदान संचालन नहीं होने से उनके प्रदेश में बिजली को चलाने के लिए पर्याप्त कोयला नहीं मिल पा रहा है तो छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने गहलोत की इस बात को मानकर परस कोल खदान के लिए वन भूमि देने की प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं।
हसदेव अरण्य🌳🌳🌳🌱🌱🌴🌴😰😥😩😥😳 प्लीज दोस्तों सभी हम एक साथ मिलकर अगर हम इस को बचाना चाहे तो हम सरकार से लड़कर इसको बचा सकते हैं प्रकृति के खिलाफ जाकर कोई विकास नहीं करना है क्योंकि प्रकृति हमारी भगवान है और भगवान के खिलाफ कोई नहीं जा सकता तो हमारा हम लोग अगर एक साथ जुल मिलकर सभी हसदेव अरण्य को बचा सकते हैं और अपनी जिंदगी को खुशहाली से जी सकते हैं ।✊✊✌✌👲👲