Rahul Sahu Story In Hindi

Rahul Sahu Story In Hindi|Rahul Sahu Kon Hai Aur kha ka hai|Rahul Sahu Full Details In Hindi

जाको राखे साइयां मार सके न कोई  जी हां छत्तीसगढ़ के राहुल साहू पर यह लाइनें आज उन पर  सटीक रही हैं।

Rahul Sahu Story In Hindi
Rahul Sahu Story In Hindi

राहुल साहू 105 घंटे जी हां 105 घंटे तक बोरवेल में जिंदगी और मौत से लड़ते हुए आखिरकार राहुल ने मौत को मात दे ही।दिया राहुल अब बोरवेल से बाहर अस्पताल में हैं।छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा पिछले करीब 105 घंटे से ज्यादा समय तक फंसा रहा यह देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन🏥🏥 घटना हैं।भारतीय सेना के जवानों ने किया कमाल👇👇

सेना के जवानों ने मंगलवार को राहुल साहू को 65 फुट गहरे बोरवेल से बाहर निकाले और फिर उसके इलाज के लिए बिलासपुर के अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका इलाज  रहा हैं। 

अब जानते हैं,राहुल साहू आखिर कौन हैं⬜️⬜️⬜️⬜️⬜️👇👇

राहुल का पूरा नाम राहुल  साहू हैं उनका जन्म 2012 में जाने की चांपा छत्तीसगढ़ राज्य में हुआ अभी वह 11 वर्ष का हैं।

आगे जानते हैं,कि राहुल आखिर कैसे बोरवेल में फंसा🤔🤔👉👉️👇👇

राहुल साहू ऐसी शाम के समय अपने घर के पीछे तरफ खेल रहा था। उसी समय अचानक खेल—खेल उसका पैर बोरवेल 🌪🌪के अंदर फस गया 😑😑जिससे वह बोरवेल के अंदर चला गया।

अब बोरवेल में गिरा राहुल आखिर कब तक निकल पाएगा🤔🤔👉👉👇👇

  2-3ढाई फीट की दूरी पर राहुल फंसा है।उनको निकालने के लिए पूरे आर्मी की टीम और भी बहुत से कर्मचारी है।लेकिन गहराई 🌪में होने की वजह से निकालने में बहुत मुश्किलें आ रही हैं। उनको निकालने में कुछ समय लग सकता है।ऐसा बताया जा रहा है,क्योंकि एनडीआरएफ NDRF OF  TEAM की टीम अब बहुत ही नजदीक पहुंच चुके हैं बहुत अंदर हो जाने के कारण बड़े-बड़े पत्थरों के बीच में आ जाने से थोड़ी मुश्किलें पैदा हो रही हैं।लेकिन एनडीआरएफ NDRF की टीम अपनी पूरी कोशिश से कर रहे हैं। पत्थरों को हटाने में। पत्थर को तोड़ दी लेकिन डर है कि कहीं पत्थर को टोने से राहुल को चोट ना लग जाए तुमको चोट न लगे इसीलिए एनडीआरएफ की टीम ने एक पल्ली के सहारे स्ट्रक्चर को खड़ा कर वाइब्रेटर से राहुल के नीचे 🌪⬜🌫से पत्थर  को चिकना मनाया जा रहा है ताकि राहुल  सुरक्षित रहें।

चट्टानों से एनडीआरएफ टीम का नहीं राहुल का टूटा हौसला👍👍☝️☝️👇👇

बोरवेल 🌪🌪😯😯में फंसे राहुल को बचाने की रेस्क्यू की टीम पूरी अपनी सूझबूझ के साथ उस बच्चे को बचाने का कोशिश कर रहे हैं लेकिन हर बार कड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है 65 फीट नीचे गहराई में जाकर होरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुंचने में सिर्फ चट्टानों की वजह से लगभग 4 दिन लग गया इसी बीच NDRF टीम को हर बार अपना जो प्लान हैं।उसको बदलना पड़ रहा है। और साथ ही नहीं नई चुनौतियों से भी जूझना 😧😧पड़ रहा हैं। ऊपर से अभी गर्मी का मौसम है तो रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और बढ़ी उमस के बीच कुछ कर बैठ कर लेट कर टोर्च की रोशनी🔦🔦 से काम करना पड़ा।लेकिन इतना मुश्किलें आने पर भी ना तो अभियान खत्म हो और नहीं जीवन मौत के बीच का संघर्ष खत्म हुआ। यह सिलसिला चलता ही रहा चलता ही रहा और अंत में  रेस्क्यू की टीम ने आखिरकार राहुल को बचा ही लिया।

रेस्क्यू टीम को सीएम ने रायपुर में दिए सम्मान👇👇

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेस्क्यू टीम को सम्मानित किया सीएम हाउस में गुरुवार को दोपहर में कार्यक्रम रखा गया जहां एनडीआरएफNDRF, एसडीआरएफ SDRF, सेना, पुलिस प्रशासन ,जिला प्रशासन समेत सभी विभागों को जितने कर्मचारी आदि सभी को सम्मानित किया गया इस दौरान सीएम भूपेश बघेल CM Bhupesh Baghel  ने राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियों को देखते हुए उनके मन में ख्याल आया कि इन पर एक फिल्म बनाना चाहिए तो सीएम ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की बात कही सीएम ने कहा कि 1 बच्चे नजरुल ने दूसरे बच्चे को बचाने में मदद की उस बच्चे की जितनी प्रशंसा की जाए उतना ही कम हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन होने पर IG ने कहा👇👇

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया जांजगीर चांपा के कलेक्टर (IAS)जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि राहुल को सही सलामत निकालना है लेकिन जो बोरवेल था उसमें अनेक जहरीले सांप भी था जिससे एनडीआरएफ टीम ने मोर्चा संभाला पर समय बीतने के साथ बचाव के रास्ते में आने  कठिनाइयां आई लेकिन हार नहीं माने राहुल को निकालने का जितना भी हुआ अपनी पूरी 100% √√कोशिश से दिए और आखिरकार सब की दुआ और एनडीआरएफ की टीम ने उनको बचा ही लिया।

अब जानते हैं कि राहुल का हालात कैसे हैं👇

राहुल का अस्पताल में इलाज चल रहा हैं। क्योंकि वह दिमागी हालत से कमजोर था। बोरवेल के अंदर में फंसा भी था।उनको डर नहीं था। इसलिए घबराने वाली बात नहीं है।

🌪 🌪बोरवेल  में फंसा था तो बोरवेल के अंदर अनेक सांप बिच्छू मेंढक थी फिर भी उनकी दिमागी हालत कमजोर होने के कारण उसको डर नहीं लगा और सही सलामत निकाला भी गया।

Leave a Comment