Which Guru Nanak birthday is 2021 |Which year is Guru Nanak Jayanti 2021 | Which Jayanti is Guru Nanak |Who killed Guru Nanak ?
गुरु नानक जयंती क्यों मनाते हैं तो। चलिए दोस्तों आज हम जानते हैं कि गुरु नानक जयंती क्यों मनाते हैं।
गुरु नानक जयंती इसे गुरु पर्व या गुरु प्रकाश पर्व आयोजन गुरु नानक देव की जन्म की खुशी को मनाया जाता है।
सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1467 को राय हुई कि तलवंडी में हुआ था। इनके श्री का नाम महिता कालूराम था और इनके माता जी का नाम तृप्ता देवी था।
गांव तलवंडी अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब (Nankana sahib)में पड़ता है।
Guru Nanak Jayanti 2021 |
इस जगह का नाम है गुरु नानक देव जी के नाम पर ही पड़ा है। गुरु नानक देव सिखों के सबसे प्रथम गुरु थे। सीधा की दृष्टि से गुरु नानक का प्रकाश उत्सव कार्तिक पूर्णिमा मनाया जाता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग वाहेगुरु वाहेगुरु ते हुए सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। गुरुद्वारों में सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठानों का सिलसिला शुरू हो जाता है जो कि देर रात तक चलता है। इस अवसर पर गुरुद्वारे की सेवादार संगत को गुरु नानक जी की बताए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। कहा जाता है कि श्री गुरु नानक देव महाराज महान युग पुरुष थे नानक देव जी अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में समर्पित कर दिया।
हमें आज ऐसे महान महापुरुषों युगपुरुष का बहुत ही जरूरत है जो आज के युग में व्याप्त को पाखंडी और पापियों का पाप और बुराइयों का नाश को मिटाकर एक अच्छे राह में चलने के लिए प्रेरित करें, भगवान एक है एक ही गुरु है और कोई है ही नहीं जहां गुरु जाते हैं वह स्थान पूरा पवित्र हो जाता है भगवान को याद करने मेहनत से कमाए और उसके बाद बांट के खाने का संदेश दुनिया भर में देने वाले से एक ही महान पुरुष और महान गुरु है। जिसको सिख समुदाय पर याद किया करते हैं।
गुरु नानक जी का संदेश——————
हम जिसे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से जानते हैं, उसके प्रारंभिक 940 शब्द नानक जी के हैं, 1499 ईस्वी में जब गुरु नानक जी के 30 साल हुए तब उनमें अध्यात्मिक परिपक्व हो चुका था। वे धर्म सनातन में और आदि ग्रंथ की शुरुआत मूल मंत्र में करते हैं जिसमें हमारा एक ओंकार से साक्षात्कार होता है।
Guru Nanak Dev ji Marriage Date 2021
उनकी सबसे बड़ी सीख और संदेश या है, कि हर दिशा में, ईश्वर मौजूद है फरकन में राम हैं और हर कण में वाहेगुरु है मतलब ईश्वर एक ही है।
अच्छा को आशीर्वाद बुरे लोगों को ,ईश्वर हर व्यक्ति में है—————-
चलिए दोस्तों हम गुरु नानक जी के एक मूल संदेश और बहुत ही शिक्षा दायक कहानी आते हैं ,गुरु नानक जी अपने शिष्य मर्दाना के साथ लाहौर यात्रा पर थे जब कंगनवाल पहुंचे तो वहां के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया नानक जी उनको आशीर्वाद दिए, ते रहो बेटा इसी गांव तक ही आबाद रहो, श्री गांव के लोगों का काफी सत्कार किया। फिर आखिर हुआ क्या कि गांव वालों ने नानाजी नहीं आशीर्वाद दिया गुजर जाओ गुजर जाओ। फिर शिष्य मरदाना ने पूछा ऐसा नानक जी? तब गुरु नानक जी बोले ईश्वर हर व्यक्ति में है बुरे लोग एक जगह रहे ताकि बुराइयां उनके तक ही सीमित रहें और अच्छाइयां अभी तरफ हैं वह सभी दिशाओं में जाकर बसें ताकि अच्छाइयों का प्रसार रहे।
गुरु नानक जयंती कब मनाई जाती है———
गुरु नानक जयंती कार्तिक महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यहां हर साल 12 नवंबर को मनाया जाते हैं। धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं इस दिन सीख लोग नए कपड़े पहन कर गुरुद्वारा में जाते हैं और सुबह सुबह गुरुद्वारे मैं प्रभात फेरी के साथ शुरू होती है सीख लो उनकी प्रार्थना करते हैं, और गुरु ग्रंथ साहिब को श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन सिखों की ग्रंथ साहिब इस पवित्र पुस्तक को गुरुद्वारा में लगातार पड़ ही जाती हैं। इस दिन दीपक भी जलाया जाता है।
नानक जी की शिक्षाएं और उनसे जुड़ी कुछ बातें ———–
ऐसे ही गुरु नानक जी में प्रखर बुद्धि के लक्षण दिखाई देने लगी थी उम्र की छोटी सी अवस्था में ही यह सामाजिक और सांसारिक चीजों की ओर से उदासीन रहते थे। भगवान प्रति के संबंध में इनके प्रश्नों से इनके अध्यापक भी हार मान जाते थें।
जिसके बाद वे इन्हें सत सम्मान घर छोड़ते थे पढ़ाई पूरी होने के बाद गुरु नानक जी का अधिक समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में ही व्यतीत होता था। नानक जी ने कहा है,कि
परमेश्वर एक ही है सदा एक ही ईश्वर की आराधना करनी चाहिए। गुरु नानक जी का जीवन हमेशा महान कार्यों के लिए माना जाता है और आज भी लोग उनकी दी गई सीख पर चलने की कोशिश करते हैं। माता पिता इनका नाम नानक रखा था। गुरु नानक जी अपने महान उद्देश्यों की ज्ञान के कारण जाने जाते हैं अब देश के बारे में बताने के लिए गुरु नानक जी ने अपना घर छोड़ दिया था। गुरु नानक जी की जीवन की यात्रा 3 साल तक चली इन 30 सालों में गुरु नानक जी अपना उद्देश्य मैं बढ़-चढ़कर प्रचार प्रसार किया और आखरी में श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्रा मैं खत्म कर दी ,और नानक जी करतारपुर नाम की जो पंजाब में स्थित, वहां पर रहने लगे और बाद में इसी जगह पर गुरु नानक जी ने अपनी आखिरी सांस ली। इसलिए पंजाब के लोग गुरु नानक जी की आराधना करते हैं।
गुरु नानक जी के अनमोल वचन ———
गुरु नानक देव जी कहते हैं कि सबसे पहले हर मानव को खुद स्वयं की बुराइयों को और गलत आदतों पर विजय पाने का जो घमंड है उसे त्याग करके अपने जीवन कोई एक पवित्र बनाना चाहिए। हर मनुष्य को हमेशा अच्छे और नंबर सेवा भाव से अपना विनम्र जीवन करना चाहिए क्योंकि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है, अतः मनुष्य को अहंकार नहीं करनी चाहिए। गुरु नानक देव स्त्री और पुरुष में कोई फर्क मस्ती थी और वे कहते थे कि कभी भी महिलाओं या ही स्त्रियों को अनादर नहीं करना चाहिए और उसे दुर्बल कभी भी नहीं समझना चाहिए। हमेशा कहते थे कि हमेशा तनाव मुक्त और अपना अच्छा कर्मा करके अपना जीवन मैं आगे बढ़े और सदैव अच्छा कर्म करें।
गुरु नानक जी के उपदेश ————
उपदेश में ऐसा चमत्कार था, की सभी वर्ग के उनके शिष्य बन जाती थी उनकी शिष्य कि उन पर श्रद्धा थी। के उद्देश्य की भाषा इतने सीधी-सादी और शैली सरल थी। कारण था कि उनके उपदेशों को लोग सिर झुका कर स्वीकार करते थे, नागजी ने हिंदू, मुसलमान, बौद्ध, जैन, ईसाई, आदि सभी धर्मों के तीर्थ स्थानों का भ्रमण किया करते थे। वहां उन्होंने एक सर करतार भेजने का उपदेश दिया और विभिन्न धर्मावलंबियों को प्रभावित किया।